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कोरबा। कहते हैं कि जब भी कोई आपसी पारिवारिक कलह हो या फिर किसी भी तरह से बात न बन रही हो तब भी सच का ही सहारा लेना चाहिए। ज्यादातर महिलाएं पति से अनबन होने पर कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाती दिखती हैं साथ ही सिर्फ दूसरों को बातों में आकर न्याय पाने की आस लिए परिवार वालों पर ऐसे ऐसे आरोप लगा देती हैं जिनका न तो कोई औचित्य होता है और जो बेबुनियादी होती हैं । वे आरोप तो लगा देती हैं लेकिन इसका परिणाम क्या होगा इसके बारे में बिल्कुल भी नही सोचतीं। ऐसा ही एक मामला कोरबा शहर में सामने आया। जहां ससुर के द्वारा खुदकुशी कर लेने के दो साल पुराने मामले में जांच उपरांत आरोपी बहू, समधन सहित 3 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।जानकारी के मुताबिक गिरधारी सिंह राजपूत पिता स्व.भार्गव सिंह राजपूत 64 साल निवासी सिंचाई कालोनी, रामपुर की मृत्यु 13.12.2021 को फॉसी लगने से हुई थी। मर्ग जॉच के दौरान घटनास्थल से मृतक के पैंट के पीछे पॉकेट से 2 पन्ने का सुसाईड नोट प्राप्त हुआ जिसे गवाहों के समक्ष जप्त किया गया। मृतक द्वारा सुसाईड नोट में बहू ज्योति राजपूत, उसकी माँ राजकुमारी, बहन पूजा, भाई मोहन एवं जीजा लाला बहादुर नामक व्यक्तियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने से परेशान होकर सुसाईड करना बताया। मर्ग जाँच के दौरान उक्त आरोपियों के विरूद्ध अपराध धारा 306, 34 भादवि का पाए जाने से 02.07.2022 को चौकी रामपुर में अपराध कमांक 614/2022 कायम कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में जप्त मृतक का सुसाईड नोट एवं मृतक का स्वाभाविक लिखावट को राजकीय परीक्षक प्रश्नास्पद प्रलेख छग शासन को हस्तलिपि परीक्षण हेतु भेजा गया। जिन्होंने अपने अभिमत में मृतक के द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट्स मृतक का ही होना लेख किया गया। इसके आधार पर आरोपीगण श्रीमती ज्योति सिंह राजपूत पति मनोज सिंह राजपूत 26 वर्ष, श्रीमती राजकुमारी राजपूत पति स्व. ओमप्रकाश सिंह राजपूत 60 वर्ष, मोहन सिंह पिता स्व. ओमप्रकाश सिंह राजपूत 23 वर्ष सभी निवासी सर्वमंगला नगर दुरपा रोड बरमपुर, चौकी सर्वमंगला को 31.10.2023 को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया।इस कार्यवाही में एएसआई दुर्गेश राठौर, आरक्षक राकेष कर्ष, महिला आरक्षक रेहाना की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
आपको बता दें कि इस मामले में गिरफ्तार की गई ज्योति की पति मनोज राजपूत से अनबन रहती थी । दोनो के एक बेटा भी है जो अपनी दादी और बुआ के साथ रहता था। ज्योति के मुताबिक ससुराल वाले उसे बच्चे से मिलने नही देते थे । जिसके लिए ज्योति ने कोर्ट केस भी किया हुआ था । सभी कोशिश करने के बाद भी जब बात नही बनी तब ज्योति ने बिना सोचे समझे ससुर पर ही छेड़खानी का केस दर्ज करवा दिया। ये आरोप गिरधारी सिंह राजपूत सह नही सके और उन्होने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
गौरतलब है कि ज्योति की एक बिना सोचे समझे की गई गलती ने उसके पूरे परिवार को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। वहीं अगर ज्योति ने सोच समझकर सच के साथ अपनी लड़ाई लड़ी होती तो शायद किसी को अपनी जिंदगी खत्म नही करनी पड़ती और आज उसका परिवार सुरक्षित रहता ।