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कोरबा। जिले के बांकी थाना अंतर्गत थाना परिसर में भाजपा नेत्री द्वारा आदिवासी किसान से मारपीट के मामले का वीडियो इतना वायरल हुआ कि आदिवासी किसान ने हिम्मत करते हुए महिला नेत्री ज्योति महंत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
प्रार्थी बलवान सिंह कंवर पिता स्व. धनसिंह कंवर 40 वर्ष, ग्राम बरेडीमुडा में रहता है तथा खेती किसानी का काम करता है। उसने रिपोर्ट दर्ज कराया है कि 07 जून 2025 को वह और उसका भाई चंद्रशेखर कंवर, मामा रंजीत कवंर हरदीबजार बैल खरीदने गए थे। एक जोड़ी बैल खरीदे, उसके बाद बैल को खदेड़ते हुए भाई चंद्रशेखर कंवर, मामा रंजीत कवंर पैदल आ रहे थे। बलवान अपने मोटर सायकल से आगे-आगे आ रहा था। बांकीमोंगरा रावणभाटा के पास पहुंचा तो उसी समय ज्योति महंत, अमन सिंह राजपूत, मुकेश राणा एवं अन्य साथियों के द्वारा उसे गालियां देते हुए हाथ झापड़ से मारपीट की गई। लड़की ने कार से उतर कर उसे जाहिल गवार और भद्दी गालियां देकर बोलने लगी कि तेरे बाप का रोड है क्या रे गवार, तेरे जैसे जैसे दस लोगो को गंगा नहला चुकी हूँ तेरे को नंगा करके बीच चौराहे में मारूंगी तु जानता नहीं हैं मेरी पहुँच को। इसके बाद पुलिस का डर दिखाकर धमका कर तीन-चार मोटरसाईकलों में प्रार्थी को बंधक बनाकर थाना ले आये।
उस समय पर उनके सभी साथी थाना परिसर में आ गये, फिर उसी बांकीमोंगरा थाना परिसर में उसे लात-जूतों से घसीट-घसीट कर मारा गया और उनके द्वारा मारते-मारते बोला जा रहा था कि देख लिया हमारी पहुँच, जब हम थाना परिसर में मार सकते हैं तो सोच और हम क्या-क्या कर सकते हैं, सरकार पुलिस हमारे जेब में है तुझे अपनी पहुँच से झुठे छेड़छाड़ का केस लगवा कर जेल में सड़ा दूँगी। अगर तु बचना चाहता है तो हमे 20,000 (बीस हजार रू) दे। प्रार्थी के मुताबिक वह गरीब किसान है, उसके पास उतने पैसे नहीं थे तो कहाँ से लाता, फिर अपनी जान बचाने के लिये रिस्तेदार चन्द्रशेखर कंवर से 4500 (चार हजार पाँच सौ रू) देने को कहा जो पेट्रोल टंकी के पास पैसा उन लोगो को दिया, उसके बाद उसे छोडा गया। पुलिस ने लिखित आवेदन के आधार पर 8 जून रविवार को आरोपी महिला नेत्री ज्योति महंत सहित अमन कुमार राजपूत, मुकेश राणा व साथियों के विरुद्ध धारा 296, 115 (2), 140 (3), 308 (2) तथा 3(5) bns के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि समाज में आजकल छोटी सीछोटी घटनाओं का भी यदि वीडियो वायरल होता है तो अपराधी को उसके अंजाम तक पहुंचने में समय नहीं लगता। महिला नेत्री ने महिला होने का फायदा उठाते हुए किसान की बीच रोड में सार्वजनिक रूप से पिटाई कर दी। साथ में उनके साथियों ने भी बहती गंगा में हाथ धोना गर्व की बात समझा। गरीब ग्रामीणों को बड़े लोगों से कोई सरोकार नहीं होता वे चुपचाप सभी ज्यादतियां बर्दाश्त कर जाते हैं। ज्योति महंत ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनकी बहादुरी का ये वीडियो जन जन तक पहुंच जाएगा।
खैर । महिला नेत्री की ये हरकत यदि कैमरे में कैद नहीं हुई होती तो शायद जनता के बीच उनकी छवि बरकरार रहती। उन्होंने ऐसी गिरी हुई हरकत कर के पार्टी की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने का कार्य तो किया ही है साथ ही साथ जनता के बीच में अपनी पहचान एक अकडू, निर्दयी नेता के रूप में बना ली है।
अब देखना होगा कि गरीब आदिवासी किसान को न्याय मिल पाता है कि नहीं।