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छत्तीसगढ़। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राजनांदगांव में चुनावी भाषण को कांग्रेस ने भड़काऊ भाषण करार दिया है। गृहमंत्री पर साम्प्रदायिक भावनाएं आहत करने व भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को इसकी शिकायत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की है। निर्वाचन कार्यालय से अमित शाह के चुनावी दौरे पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही राजनांदगांव दौरे में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है। मंगलवार को कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन सौंपा।प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह के नामांकन के लिए चुनावी सभा में गृहमंत्री का बयान धार्मिक उन्माद भड़काने वाला है। गृहमंत्री ने झूठ कहा कि बिरनपुर घटना के आरोपित खुलेआम घूम रहे हैं। हक़ीक़त यह है कि राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की थी और आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया, लेकिन केंद्रीय मंत्री को छत्तीसगढ़ में हार साफ दिख रहा है। इसलिए वह सांप्रदायिकता का सहारा लेना चाह रहे हैं।निर्वाचन में अब भाजपा-कांग्रेस की शिकायतें पहुंची । निर्वाचन कार्यालय में अलग-अलग मामलों में भाजपा-कांग्रेस की शिकायतें पहुंचने लगी है। भाषण से लेकर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट, वीडियो,रील्स और अन्य मामलों को लेकर निर्वाचन में आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्रवाई की मांग की जा रही है।
ईश्वर साहूबिरनपुर साम्प्रदायिक उन्माद में मृतक के पिता व भाजपा से साजा प्रत्याशी ईश्वर साहू ने कहा कि अमित शाह ने बलिदान का सम्मान किया है। अपना कद तो मंत्री रविंद्र चौबे ने घटा लिया। क्षेत्र के विधायक चौबे की टिप्पणी पर ईश्वर ने कहा कि जिहादी उन्माद में हत्या के नामजद आरोपितों को राजनीतिक संरक्षण देने वाले और निर्दोष युवाओं को जेल में डालने वाले हमारी पीड़ा को नहीं समझ सकते। जब हम कांग्रेस की सरकार से न्याय मांग रहे थे । हत्यारों का नाम भूपेश बघेल की पुलिस को बताया और कार्रवाई की मांग की तब चौबे जी कहां थे ? वे स्वयं या उनका कोई कार्यकर्ता झांकने तक नहीं आया। वे तुष्टिकरण की राजनीति में लगे रहे। कांग्रेस की सरकार ने हमें न्याय देने की बजाय हमारे बेटे भुनेश्वर के बलिदान पर हमे पैसे से खरीदने की कोशिश की, जिसे हमने ठुकरा दिया।दरअसल, अमित शाह ने सोमवार को राजनांदगांव में एक चुनावी रैली के दौरान बघेल सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि बेमेतरा के बिरनपुर गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा में भूपेश बघेल का हाथ है. अप्रैल में यह हिंसा हुई थी, जिसमें ईश्वर साहू के बेटे भुनेश्वर साहू की मौत हो गई थी । बता दें कि छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी।