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चांपा । ओला कंपनी की इलेक्ट्रिक टू व्हीलर जितनी अच्छी है उसकी सर्विस उतनी ही घटिया । ऐसा कहना है नगर के ओला मालिकों का। पिछले कुछ महीनो में नगर में इलेक्ट्रिक ओला स्कूटर की संख्या में काफी इजाफा हुआ है लेकिन ओला मलिक ओला की सर्विस को लेकर संतुष्ट नहीं है। पहली बात तो यह की ओला का मुख्य केंद्र जो निकटतम है वह कोरबा में है और जिला मुख्यालय जांजगीर में ओला रिटेल आउटलेट भले ही खुला हो लेकिन यहां फुल ट्रेंड मिस्त्री नहीं है। छोटी-मोटी प्रॉब्लम को ही ये मिस्त्री ठीक कर पा रहे हैं। कोई मेजर फाल्ट दूर करने में वह सक्षम नहीं है जिसका खामियाजा ओला मालिकों को उठाना पड़ रहा है। गाड़ी में अगर कोई मेजर प्रॉब्लम आ जाती है तो उन्हें गाड़ी को टो करके जांजगीर ले आना पड़ता है और अगर जांजगीर में भी मिस्त्री गाड़ी ठीक नहीं कर सके तो उसे कोरबा ले जाने की व्यवस्था करना वाहन मालिकों को भारी पड़ रहा है। जितना अच्छा पिकअप ओला स्कूटर का है उतना अच्छा किसी अन्य ईवी वाहन का नहीं है और फंक्शन भी ओला स्कूटर में कंपनी ने काफी अच्छे दिए हैं। लेकिन ओला कंपनी की सर्विस बड़ी खराब साबित हो रही है।नगर के एक ओला मालिक ने बताया कि उनकी गाड़ी में एक छोटा सा फॉल्ट आया था जिसके कारण उनकी ओला स्टार्ट नहीं हो रही थी। जिसके लिए उन्होंने कोरबा के ओला सेंटर पर कई बार कॉल किया फिर भी कोई मैकेनिक नहीं आया।आखिरी उन्होंने ओला कस्टमर केयर में ऑनलाइन शिकायत की तब जाकर एक मैकेनिक आया । 58 रुपए ऑनलाइन चार्ज की जगह वहां मिस्री मालिक से 600 रुपए लेकर गया। मजबूरी में ओला मलिक ने उसे ना चाहते हुए भी 600 रुपए दिए। बहरहाल एक अच्छी ईवी अपनी खराब मैकेनिक सर्विस के कारण अपने मालिकों के लिए सर दर्द बनी हुई है।
