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कोरबा। कोरबा जिले के कटघोरा में पदस्थ एसडीएम सुश्री ऋचा सिंह एवं रीडर (लेखापाल) मनोज गोभिल पर राजनीतिक दल से संरक्षण, पार्टी विशेष के लोगों को लाभ पहुंचाने, एसईसीएल दीपका क्षेत्र से अधिग्रहित ग्राम मलगांव में मुआवजा प्रकरण में भ्रष्टाचार करने, प्रभावितों का शोषण कर मकान तोड़ने भयाक्रांत माहौल बनाने का गम्भीर आरोप लगा है। आम आदमी पार्टी, समाज सेवी मनीराम, गांडा समाज जन कल्याण एवं विकास समिति एवं नगर पालिका परिषद के नेता प्रतिपक्ष ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत निर्वाचन आयोग, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग से शिकायत कर खलबली मचा दिया है।आरोप है कि लिपिक मनोज गोभिल कई वर्षों से पदस्थ है व राजनैतिक दल के संरक्षण में स्थानीय नेताओं से मधुर संबंध होने के कारण पार्टी विशेष को लाभ पंहुचाया जा रहा है जिसके कारण निष्पक्ष मतदान में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।समाजसेवी मनीराम एम .एल.एस. बी.एस .भारती, गांडा समाज जन कल्याण एवं विकास समिति कोरबा के जिला महामंत्री जवाहर सिंह महानेदिया ने निष्पक्ष चुनाव व मतदान के लिए एसडीएम ऋचा सिंह, लेखापाल मनोज गोभिल का तत्काल तबादला की मांग की है।नगर पालिका परिषद दीपका के नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया है कि दोनों अधिकारी-कर्मचारी एसईसीएल दीपका क्षेत्र के प्रभावित ग्राम मलगांव के पीड़ितों को राजनैतिक षड्यंत्र के दबाव में आकर मकान भूमि का मुआवजा औने-पौने दर से भुगतान कराकर मकान तोड़ने का भय दिखाने में लगे हैं। कम पढ़े-लिखे होने की वजह से ग्रामीण जनता का शोषण किया जा रहा है। वर्षों से एसडीएम कटघोरा के यहां पदस्थ रीडर बाबू मनोज गोभिल का अनुभाग के बहुत बड़े भूमि माफिया के रूप में नाम आता है। उन्होंने प्रकरण में तत्काल कार्रवाई करते हुए एसडीएम, रीडर को अन्यत्र स्थानान्तरित करने की मांग की है।चुनावी फंडिंग के लिए दबावमनीराम का आरोप है कि मलगांव में नापी सर्वे के उपरांत 43 व्यक्तियों के मकान का मुआवजा काट दिया गया है। विशेष पार्टी को चुनावी फंडिंग करने के लिए जबरदस्ती सीजीएम को दबाब बनाकर गांव के मकानों को तोड़वाया जा रहा है जिस पर तत्काल रोक लगाए जाने की दरकार है।चर्चित मलगांव का मुआवजा वितरण पर जांच की दरकारएसईसीएल दीपका क्षेत्र के अधिग्रहित ग्राम मलगांव में मुआवजा का मामला विवादों में सुर्खियों में रहा है। औने-पौने दामों में मुआवजा तैयार करने, अपात्रों का फर्जी मुआवजा पत्रक तैयार करने से लेकर मुआवजा वितरण तक में गड़बड़ी की शिकायतें विश्वस्त सूत्रों से मिलती रही हैं। ऐसे में प्रशासन को तत्काल मामले में उचित कार्रवाई कर मुआवजा वितरण पर रोक लगा कर प्रकरण की जांच सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि भू अर्जन अधिकारी व रीडर की कार्यशैली पर उठ रहे सवालों का सही जवाब मिल सके।शिकायतकर्ता ही बेहतर बता सकते हैं: एसडीएमइस मामले में एसडीएम ऋचा सिंह का कहना है कि राजनीतिक दलों से संरक्षण, का आरोप बेबुनियाद है इस मामले में शिकायतकर्ता ही बेहतर बता सकते हैं। मुआवजा मामले की शिकायत भी निराधार है।मुझे नहीं मालूम क्या शिकायतें हुईरीडर मनोज गोभिल का कहना है कि इस तरह की शिकायत के संदर्भ में मैं अनजान हूँ, शिकायत पत्र देखकर ही कुछ कह सकूंगा। मेरे द्वारा सौंपे गए कार्यदायित्वों का पूरी लगन व निष्ठा के साथ निर्वहन किया जा रहा है।