छत्तीसगढ़ में केवल हरित पटाखों का उपयोग करने एवं सिर्फ 2 घण्टे ही आतिशबाजी करने का उच्चतम न्यायालय का निर्देश,,, नगरीय क्षेत्र में पटाखे का जलाया जाना हुआ प्रतिबंधित,,,

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कोरबा। उच्चतम न्यायालय तथा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मार्गदर्शिका के मुताबिक राज्य में केवल हरित पटाखों का उपयोग एवं विक्रय के साथ 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक दो घंटा की अवधि पटाखे फोड़ने जिसके अंतर्गत दीपावली में रात्रि 8 से रात्रि 10 बजे तक, छठ पूजा में सुबह 6 से सुबह 8 तक, गुरु पर्व में रात 8 से रात 10 बजे तक, क्रिसमस , नया वर्ष में रात्रि 11:55 से रात्रि 12:30 का समय निर्धारित किया है। शीत ऋतु में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 19 की उप धारा 5 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, रायगढ़ एवं कोरबा के नगरीय क्षेत्र में पटाखों का जलाया जाना प्रतिबंधित किया गया है।उच्चतम न्यायालय द्वारा 23 नवंबर 2018 को पारित आदेश के मुताबिक पटाखों के उपयोग के संबंध में कुछ अन्य निर्देश भी दिए गए हैं, इनमें कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाले इंप्रूव्ड एवं हरित पदकों की बिक्री केवल लाइसेंस ट्रेड द्वारा किए जाने के निर्देश के साथ ही केवल उन्हीं पटाखों का उपयोग के लिए बाजार में बेचा जा सकेगा जिसे उत्पन्न ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो। सीरीज पटाखे अथवा लड़ियों की बिक्री, उपयोग एवं निर्माण प्रतिबंधित किया गया है। पटाखों के ऐसे निर्माता का लाइसेंस भी रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं जिनके द्वारा पटाखे में लिथियम, आर्सेनिक, एंटीमनी, लेड एवं मर्करी का उपयोग किया गया है। ऑनलाइन तथा ई-व्यापारिक वेबसाइटो जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि से पटाखे की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। उक्त निर्देशों के कड़ाई से पालन के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं।

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