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मुंगेली/ उपमुख्यमंत्री अरुण साव के गृहजिले मुंगेली में अधिकारियों की लापरवाही और तानाशाही चरम पर हैं, जिसके चलते आम जनता की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खेल के चलते मुंगेली का विकास अटका हुआ हैं। अधिकारियों द्वारा जानकारियां छिपाई जा रही ताकि भ्रष्टाचार का खेल लगातार जारी रखा जा सके ?
इसी प्रकार की मनमानी मुंगेली जनपद पंचायत में देखने को मिला, जहां सुस्त व्यवस्था व लचर कार्यप्रणाली के कारण सूचना का अधिकार अधिनियम मजाक बन कर रह गया हैं, महीनों बाद भी आवेदक द्वारा मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जन सूचना अधिकार अधिनियम के नियमों की अवहेलना भी की जा रही हैं।
एक प्रकरण में जिला पंचायत मुंगेली द्वारा 25/02/2025 को जनसूचना अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मुंगेली को आदेश जारी कर 7 दिवस के भीतर जानकारी देने कहा गया, उसके बाद भी तक अपीलार्थी को जानकारी नहीं दिया गया। एक महत्वपूर्ण मामले में जनपद पंचायत के जनसूचना अधिकारी से आरटीआई में जानकारी मांगी गई थी निर्धारित तिथि में जानकारी न मिलने पर जिला पंचायत मुंगेली में प्रथम अपील की गई, जहां सुनवाई उपरांत जनपद पंचायत सीईओ को सात दिवस के भीतर आवेदक को जानकारी देने आदेश दिया गया, परंतु आवेदक को आज तक जानकारी नहीं दी गई, बल्कि जनपद पंचायत सीईओ, जनसूचना अधिकारी के प्रतिनिधि द्वारा अधूरी और भ्रामक जानकारी देने का प्रयास किया गया, जिसके बाद जिला पंचायत मुंगेली ने आदेश जारी किया। इस मामले में मुंगेली जनपद पंचायत के जनसूचना अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी की घोर लापरवाही देखने को मिली।
इस मामले में आवेदक, अपीलार्थी स्वतंत्र तिवारी ने बताया कि मुंगेली जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा करोड़ों के निर्माण, मरम्मत, संधारण और खरीदी सहित अन्य कार्य हुए हैं, जिसकी जानकारी आरटीआई में मांगी गई हैं उसकी जानकारी छिपाकर भ्रष्टाचार को और बढ़ावा दिया जा रहा हैं।