तेरा रावण मेरा रावण,,,राजनीति का असर पड़ा रावण पर,,, एक ही ग्राउंड में दिखे कांग्रेस और बीजेपी के रावण,,,दो भागों में बंटा ग्राउंड, जनता हुई परेशान, बीजेपी-कांग्रेस के बीच जमकर हुई बयानबाजी,,,

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। वहीं दशहरा के मौके पर रावण को लेकर भी भाजपा और कांग्रेस में सियासी वार देखने को मिला। रायपुर के बीटीआई ग्राउंड में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मेरा राम-मेरा रावण, तेरा राम- तेरा रावण हुआ. साथी ही दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाया। दरअसल बीटीआई ग्राउंड में कांग्रेस और बीजेपी के अलग-अलग नौ दुर्गा पंडाल स्थापित किये गए हैं। दशहरा के मौके पर दोनों पंडाल में रामायण मंचन का आयोजन किया गया वहीं एक ही मैदान में दो रावण और दो राम समेत रामायण के अन्य पात्र भी देखने को मिले । भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि 75 साल से BTI ग्राउंड में खम्हारडीह दशहरा एवं सांस्कृतिक समिति द्वारा दुर्गा पूजा और दशहरा मनाया जा रहा है लेकिन जब से कांग्रेस की सरकार आई है सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और तानाशाही दिखाते हुए मैदान का बंटवारा कर दिया गया है। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है समरसता का संदेश से देता है लेकिन यहां सत्ता का दुरुपयोग करके बंटवारा किया गया। मेरा राम- तेरा रावण, तेरा राम-मेरा रावण और तेरा रामायण जैसे हालात पैदा किया गया है। हमेशा हम नौ दिन का दुर्गा उत्सव और डांडिया के बाद दशहरा आयोजन करते हैं। रामायण मंचन का आयोजन 75 सालों से होता आ रहा है.कांग्रेस नेता राकेश धोतरे ने कहा पूरे देश में धूमधाम से नवरात्र और दशहरा उत्सव मनाया जाता है और हम भी पूरे धूम धाम से नवरात्र और दशहरा उत्सव मना रहे हैं। निशुल्क गरबा का आयोजन करते हैं ।लोगों का अपार जनसमर्थन मिलता है। राम सबके हैं इसे मेरा राम तेरा राम, मेरा रावण और तेरा रावण बीजेपी वाले कर रहे हैं । हम तो राम को मानने वाले हैं रावण जैसे व्यवहार तो वो कर रहे हैं। वहीं आम लोगों का कहना है ग्राउंड के विभाजन हो जाने से जगह कम होती है। आयोजन में दिक्कत होती है। दोनों पार्टियों के बीच कम्पटीशन की वजह से न रामायण मंचन का उधर खड़े लोग आनंद ले सकते हैं और न इधर खड़े लोग शांति से रामायण देख सकते हैं। कोलाहल जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. जिधर जाओगे वहां लोग पार्टी के चश्मे से देखते हैं कि ये कांग्रेसी हैं और ये भाजपाई हैं। हम लोगों के हिसाब से तो बिल्कुल दो आयोजन एक ही जगह में नहीं होनी चाहिए।

गोरतलब है कि दोनो पार्टियां जनता का समर्थन लेने के लिए आस्था का मजाक उड़ाती नज़र आ रही हैं। हां पार्टी प्रचार गलत नही है लेकिन खुद को प्रचारित करने के चक्कर में इस तरह आस्था का सहारा लेना गलत है।

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