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सूरजपुर । जिला मुख्यालय सूरजपुर से कुछ दूर तिलसिवां में स्थित रश्मि नर्सिंग होम में इलाज के दौरान जच्चा बच्चा की मौत 4 अप्रैल 2023 को हुई थी । ये मौत उस समय हुई थी जब जिला चिकित्सालय की डॉक्टर रश्मि कुमार वहां उसका इलाज कर रही थी । इसके बाद से पीड़ित के द्वारा शिकायतें भी की गई और डॉक्टर रश्मि पर गंभीर आरोप लगाए थे । इसके बाद रश्मि नर्सिंग होम को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया था पर सील करने के बाद भी वहां पर इलाज हो ही रहा है । जबकि अभी तक रश्मि नर्सिंग होम को कार्यवाही से बहाल नहीं किया गया है ।
फिर किसके दिशा निर्देश पर वहां इलाज चल रहा है यह बड़ा सवाल है। जबकि वहीं डॉक्टर रश्मि कुमार अभी भी निलंबित है और अंबिकापुर संलग्न की गई हैं और उन पर जांच चल रही है । प्रथम दृष्टि में जांच के दोषी पाए जाने पर ही उनके ऊपर निलंबन की कार्यवाही की गई थी।
ज्ञात हो की स्वास्थ्य मंत्री के संभाग वाले सूरजपुर जिले में एक ऐसा मामला आया है जिसने स्वास्थ विभाग की पोल खोल कर रख दी है । जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर अपने ड्यूटी टाइम में अपने ही नर्सिंग होम में जिला चिकित्सालय में एडमिट प्रसूता को अपने निजी नर्सिंग होम ले गई जहां जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई। जिसके बाद मामला गरमा गया था और परिजनों ने डॉक्टर को दोषी बताया था । जिसके बाद प्रथम दृष्टया प्रशासन ने रश्मि नर्सिंग होम को सील कर दिया था पर मामला यहीं पर रुकने वाला नहीं था मामला काफी बड़ा था । और इस मामले में जिला चिकित्सालय की भी भूमिका संदिग्ध थी । यहां तक कि जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी ।
सवाल इसलिए भी लाजमी था की जिला चिकित्सालय के डॉक्टर किस के अनुमति से अपने निजी नर्सिंग होम में इलाज कर रहे थे और आखिर क्या गलती थी जिस वजह से जच्चा-बच्चा की मौत हो गई ?
3 अप्रैल को जिला चिकित्सालय में लाकर भर्ती कराया पर 4 अप्रैल को शाम में डॉ रश्मि के द्वारा बोला गया मेरे निजी नर्सिंग होम चलो ? इस संबंध में मृतिका के पिता महेंद्र कुमार साहू ने कहा कि उन्होने अपने लड़की को 3 अप्रैल को जिला चिकित्सालय में लाकर भर्ती कराया था फिर 4 अप्रैल को शाम में डॉ रश्मि के द्वारा बोला गया कि यहां नहीं हो पाएगा आप हमारे प्राइवेट नर्सिंग होम में ले लाइए । वहां यहां सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं और इसके लिए गारंटी के साथ हम नॉर्मल डिलीवरी करवा देंगे। उन्होंने रेट बताया नॉर्मल डिलीवरी का 15 हजार रुपए और ऑपरेशन का 35 हजार से 40 हजार तक है । फिर प्रसूता को उनके नर्सिंग होम में लेकर गए वहां भी परिजनों ने डॉक्टर से पूछा कि अंबिकापुर ले जाए तो उन्होंने कहा की अंबिकापुर ले जाने की जरूरत नहीं है । अंबिकापुर से बेहतर इलाज हमारे नर्सिंग होम में हो जाएगा और खर्चा भी कम लगेगा। डॉक्टर को 10 हजार रुपए भी दिए इसके बाद जाकर इलाज चालू किया फिर 5 अप्रैल को सुबह ऑपरेशन थिएटर ले गए फिर 10 बजे जानकारी दिया गया कि बच्चा तो नहीं बचा लेकिन मां स्वस्थ है और बोला गया मां के स्वास्थ्य ठीक है उसको कुछ नहीं होगा । फिर परिजनों को 3:00 बजे दोपहर में मिलने दिया गया और उनकी लड़की स्वस्थ थी । लेकिन इसी बीच हालत गंभीर हो गई इस स्थिति को देखते एम्बुलेंस भी बुला लिया था पर डॉक्टर ने मना कर दिया परिणामस्वरूप प्रसूता की मौत हो गई ।
इस मामले में जिला चिकित्सालय की डॉक्टर साथ ही रश्मि नर्सिंग होम की संचालक डॉक्टर रश्मि पर निलंबन की कार्यवाही की गई थी वहीं उनके निजी नर्सिंग होम को भी सील किया गया था। मामले में प्रथम दृष्टया जांच के बाद यह कार्यवाही हुई थी वहीं यह कार्यवाही अब तक निलंबित नहीं की गई है यह भी सूत्रों के दावा है। सूत्रों की माने तो रश्मि नर्सिंग होम अभी भी सील है नियमानुसार प्रशासन के द्वारा वहीं डॉक्टर रश्मि भी निलंबित हैं और बहाल नहीं की गई हैं।डॉक्टर रश्मि अपने नर्सिंग होम में कर रहीं हैं लगातार इलाज,सील नर्सिंग होम में कैसे हो रहा इलाज बड़ा सवाल?जिस नर्सिंग होम को शिकायत वहीं जांच के बाद सील किया गया है वह नर्सिंग होम स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रहा है खुलेआम यह आश्चर्य की बात है। अभी प्रशासन ने नर्सिंग होम को खोलने की अनुमति नहीं दी है जबकि सूत्रों की माने तो नर्सिंग होम बेधड़क स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रहा है। प्रशासन की नजर क्यों इस पर नही पड़ रही है यह बड़ा सवाल है। बताया जा रहा है की रश्मि नर्सिंग होम में इलाज भी हो रहा है डॉक्टर रश्मि का पर्चा भी दवाई दुकान पहुंच रहा है वहीं लैबों में उनका जांच पर्ची भी जा रहा है जो मरीजों की जांच का पर्चा है। बंद दरवाजे के भीतर इलाज किया जा रहा है प्रशासन को या तो ठेंगा दिखाया जा रहा है या प्रशासन जान कर भी अंजान है यह लोगों का कहना है।क्या यदि मामले में है सच्चाई तो प्रशासन करेगा कार्यवाही?वहीं इस मामले में अब यह सवाल खड़ा हो रहा है की यदि मामले में सच्चाई है सील नर्सिंग होम में बंद दरवाजे के भीतर चोरी छिपे इलाज किया जा रहा है तो क्या प्रशासन निगरानी कर कार्यवाही करेगा। वैसे लोगों की माने तो नर्सिंग होम नाम के लिए सील बंद है वह धडल्ले से इलाज की सुविधा प्रदान कर रहा है।